|| विष्णुभक्त चारूदत्त अभंगगाथा ||
जीव पांडूरंग | देव पांडूरंग |
भाव पांडूरंग | प्रभाव पांडूरंग || १ ||
बोलीजे मज भवगाथा पांडूरंग |
ज्ञानाचिया स्वामी हाची सुसंग || २ ||
आत्म बोलू पाहीं | अवघी चित्ताश्रयी |
अखंडदत्ताश्रयी | हाचीं गूढभेद || ३ ||
चारू देखा सदा | अनाथांचा दीनु |
काव्यविष्णुसदनु | प्रकाशद्वीप || ४ |||
सौजन्य : काव्य विष्णु सदन प्रतिष्ठान
जीव पांडूरंग | देव पांडूरंग |
भाव पांडूरंग | प्रभाव पांडूरंग || १ ||
बोलीजे मज भवगाथा पांडूरंग |
ज्ञानाचिया स्वामी हाची सुसंग || २ ||
आत्म बोलू पाहीं | अवघी चित्ताश्रयी |
अखंडदत्ताश्रयी | हाचीं गूढभेद || ३ ||
चारू देखा सदा | अनाथांचा दीनु |
काव्यविष्णुसदनु | प्रकाशद्वीप || ४ |||
सौजन्य : काव्य विष्णु सदन प्रतिष्ठान
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