kavyavishnusadan
सूत्र - धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् सदाम्ः |
धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् धनदाम्ः || १ ||
धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् मूर्तीजा |
धन्य धन्य धन्य कैवल्यम् स्मृतीजाः || २ ||
धन्य धन्य धन्य अविरतशाश्वतदा |
निरंतर चारू सत्त्वसांग नित्यदाः || ३ |||
मूळार्थ- "परमेश्वरीय धन्यता" ही शाश्वत असते.
- Guruji Shri. Charudatta Thorat
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